कोरोना संक्रमण के बाद कब मिलती है अस्पताल से छुट्टी
कोरोना वायरस के कारण इस समय देश में हलचल मची हुई है. लगातार कोरोना वायरस के मामले देश में बढ़ते जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो शनिवार की सुबह कोरोना के देश में 59662 मामले सामने आ चुके हैं. लॉकडाउन के बाद भी कोरोना मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
कोरोना के लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए आपको बताते हैं कि किस हालत में मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है. कोरोना के मरीजों की अलग अलग स्थिति होती है जिसमें उनके लक्षणों को देखकर उन्हें इलाज मुहैया कराया जाया है.
माइल्ड केस
ये पहली स्टेज होती है. इस स्टेज में मरीज को 10 दिनों के बाद अस्पताल से उस स्थिति में छोड़ा जाता है जब मरीज को लगातार तीन दिनों तक बुखार नहीं हुआ होता. ऐसे मामलों में मरीज को अस्पताल में डिस्चार्ज करने से पहले टेस्ट करने की जरुरत नहीं होती.
हालांकि मरीज को 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन करने के निर्देश होते हैं. अगर डिस्चार्ज होने के बाद दोबारा मरीज में लक्षण दिखते हैं तो कोविड हेल्पलाइन के जरिए भी मरीज की स्थिति की जानकारी ली जा सकती है.
कोविड हेल्थ सेंटर में एडमिट होने वाले मरीज
ऐसे मरीजों के शरीर का तापमान और ऑक्सीजन लेवल की जांच की जाती है. अगर तीन दिनों तक बुखार और 4 दिनों तक ऑक्सीजन सपोर्ट के बिना मरीज रह पाता है तो ऐसे मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलती है. हालांकि मरीजों को एहतियात के तौर पर 10 दिनों तक अस्पताल में रखा जाता है. अस्पताल से डिस्चार्ज करने से पहले देखे जाते हैं लक्षण
- मरीज को फीवर न हो
- मरीज को सांस लेने में कोई तकलीफ न हो
- अतिरिक्त ऑक्सीजन न लगानी पड़े
गंभीर मरीज
ऐसे मामलों में मरीज को तभी अस्पताल से छुट्टी मिलती है जब उसकी अस्पताल में पूर्ण रूप से रिकवरी हो जाती है. अस्पताल से डिस्चार्ज होने से पहले सभी मरीजों का RT-PCR टेस्ट किया जाता है. टेस्ट नेगेटिव आने पर ही छुट्टी मिलती है.