लैब टेक्नीशियन को बताया डॉक्टर, हेल्पलाइन में दिया नंबर
एक तरफ तो कोरोना वायरस महामारी को लेकर देश-दुनिया में डॉक्टर जी जान से मरीजों को स्वस्थ्य करने में जुटे हुए हैं. खुद पीएम मोदी भी कई बार फ्रंटलाइन में काम कर रहे डॉक्टरों की तारीफ कर चुके है. कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए इस समय मेडिकल फ्रेटर्निटी समेत कोरोना वॉरियर्स लगातार अपनी ड्यूटी पूरी करने में लगे हुए है.
कोरोना से लड़ाई में दिल्ली बीजेपी ने भी लोगों की सुविधा के लिए एक डॉक्टर हेल्पलाइन की शुरूआत की है. इस हेल्पलाइन में दिल्ली के 14 जिलों के डॉक्टरों को शामिल किया गया है. इसके संबंध में बीजेपी ने एक पोस्टर भी जारी किया है जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी का फोटो लगा हुआ है.
इसके अतिरिक्त इसमें कुल 33 डॉक्टरों के नंबर दिए गए हैं. इन नंबरों पर फोन कर जनता स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले सकती है. ये सभी डॉक्टर जनता की सेवा के लिए फोन पर भी संबंधित परामर्श देंगे. मगर बीजेपी की ओर से एक गंभीर गलती की गई है, जिसे हेल्पलाइन के प्रभारी एक मामूली सी बात बता रहे हैं.
लैब टेक्नीशियन को बताया डॉक्टर
इस लिस्ट में शाहदरा जिला के तीन डॉक्टरों का नाम शामिल किया गया है. मगर जानकारी है कि लिस्ट में शामिल डॉक्टर राम राणावत एक डॉक्टर नहीं बल्कि लैब टेक्नीशियन है. ये गलती शाहदरा जिला क्षेत्र के नंबर लिखने में हुई है. कोरोना महामारी जैसे विश्वस्तरीय संकट के समय लैब टैक्नीशियन को एक डॉक्टर बना कर पूरी दिल्ली के लिए जारी की गई हेल्पलाइन लिस्ट में शामिल किया गया है.
मामूली प्रिंटिंग मिस्टेक
इस मामले पर हेल्पलाइन के सहप्रभारी व समन्वयक डॉ. अनिल गोयल भी सीरियस नहीं है. डॉ. अनिल गोयल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर का नाम गलत लिख गया है. लिस्ट में शामिल संबंधित डॉक्टर पेशे से लैब टेक्नीशियन है मगर प्रिंटिंग मिस्टेक के कारण ये नाम छप गया.
टेक्नीशियन देंगे दवाई
गौरतलब है कि बीजेपी ने जिस तरह से कोरोना वायरस जैसे गंभीर संकट के समय में ये लिस्ट निकाली है, वो जनता की मदद करने के उद्देश्य से थी. मगर एक डॉक्टर की जगह लैब टेक्नीशियन को पेश करना गंभीर मामला है.
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि अगर लैब टेक्नीशियन के पास कोई मरीज इलाज पूछने के लिए फोन करता है, तो टेक्नीशियन होने के नाते वो कितनी बड़ी गलती कर सकता है. जनता की सुरक्षा के साथ इतनी बड़ी चूक होने से जनता की मदद तो नहीं मगर उनकी परेशानी जरूर बढ़ सकती है.