खिलखिलाने लगी प्रकृति, जब से इंसान घर में हुआ कैद
- नदियों ,पहाड़ों का सौंदर्य निखरा
- प्रदूषण हुआ कम
नई दिल्ली. किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है, एक सिक्के के हमेशा दो पहलू होते हैं. पूरे देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण महा संकट की स्थिति बनी हुई है. इस महामारी का हर व्यक्ति डटकर सामना कर रहा है, लेकिन इस महामारी और महा संकट के समय में भी कई अच्छे बदलाव हो रहे हैं.
इन बदलावों को देखकर और महसूस कर दिल बहुत ही आनंदित है. कोरोना महामारी की वजह से इस समय हर जगह सिर्फ नकारात्मका फैली हुई है. जिस ओर देखें मायूसी ही छाई हुई है, लेकिन इस मायूसी के बीच कुछ ऐसा भी है जो चेहरों पर मुस्कान ले ही आया है. कुछ ऐसा जो आज तक कोई भी सामान्य दिनों में संभव नहीं हो पाया था. अब चाहे बात पर्यावरण की हो या फिर दिल्ली की साफ हवा की बात हो, हर जगह लॉकडाउन का बेहद सकारात्मक असर हुआ है.
आइए जानते हैं ऐसे ही कोरोना के कुछ पॉजिटिव इफेक्ट के बारे में-
लॉक डाउन में लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन दूसरी तरफ वातावरण में शुद्ध हवा से मन फूला नहीं समा रहा है. लोगों के घरों में कैद होने से नदियों, पहाड़ों, वृक्षों का सौंदर्य निखर आया है.
सड़कों पर पिछले कुछ महीनों से वाहन नहीं होने से प्रदूषण में काफी कमी आई है. अगर हम बात करें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की जहां पर ज्यादातर हवा बेहद खराब रहती है और प्रदूषण का स्तर खराब से भी नीचे स्तर पर रहता है. मगर बीते कई सालों के बाद अब दिल्ली की हवा काफी शुद्ध हो गई है.
नासा भी मान चुका है कि दिल्ली की हवा बीते 20 सालों की अपेक्षा लॉकडाउन पीरियड में न सिर्फ सुधरी है बल्कि दिल्ली की हवा से जहरीले रसायन भी घटे हैं. मुंबई में भी हवा के प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसा ही दृश्य देश के बड़े बड़े शहरों का भी है.
लॉक डाउन के दौरान मुंबई में फ्लैमिंगो, श्रीनगर के डल झील में बत्तख नजर आने लगी. प्रदूषण कम होने से आसमान भी साफ हुआ है. भारत के बहुत से शहरों में से हिमालय पर्वत श्रंख्ला तक नजर आने लगी. हिमाचल प्रदेश में हिमालय पर्वत की सफेद पर्वत के नाम से मैसूर धौलाधार रेंज के पहाड़ जालंधर से दिखने लगे हैं. बिहार के सीतामढ़ी गांव से, बरेली से नैनीताल के पहाड़ नजर आने लगे. प्रकृति के इस रुप को देखकर लोग भी इसका बहुत लुफ्त उठा रहे हैं.
इन पहाड़ों को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से घूमने जाते थे लेकिन इस वक्त हर व्यक्ति अपने घरों की छतों से देख पा रहा है क्योंकि आसमान बिल्कुल साफ है. लॉकडाउन ने एक नई सिख भी दी है जिसे लोगों को याद रखना चाहिए.
लॉकडाउन के दौरान कारखानों से प्रदूषित जल नहीं होने से देश की बहुत सी नदियां जैसे गंगा, यमुना निर्मल हो गई. लॉक डाउन के चलते फैक्ट्रियां और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पेशे बंद है. इसलिए यहां से निकलने वाला गंदा पानी इन नदियों को प्रदूषित नहीं कर पा रहा है.
तीर्थ स्थल वाली जगह पर लोगों की भीड़ ना होने से नदियों में किसी तरह का विसर्जन नहीं हो रहा. यही कारण हैं कि अब हर तरफ नदियां भी स्वच्छ स्वच्छ दिखाई दे रही है. प्रकृति की सुंदरता को देखकर हर इंसान काफी प्रसन्न है. प्रकृति की इन सुंदर तस्वीरों को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. असल में देश में जब से यह लॉक डाउन हुआ है और हर इंसान घरों में बंद है तब से प्रकृति अपना सौंदर्य रूप दिखाना शुरू हो गई है.