RBI का बड़ा फैसला, कर्ज होंगे सस्ते, ब्याज पर मिलेगी राहत
नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए 24 मार्च से देश भर में लॉकडाउन जारी है. आम जनता लॉकडाउन में भी लोन की किस्तों की मार झेल रही है. इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आम जनता को बड़ी राहत पहुंचाई है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बीते दो महीनों में उनकी यह तीसरी ब्रीफिंग है. केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35 प्रतिशत कर दिया है. प्रमुख ब्याज दर में कमी से बैंकों को अपने उधारकर्ताओं के लिए ईएमआई बोझ को कम करने के लिए अधिक जगह मिल जाएगी. आरबीआई गवर्नर ने लोन मोराटोरीउम को भी बढ़ा दिया है. यह बैंकों को अपने ग्राहकों द्वारा अगस्त तक तीन महीने तक ईएमआई भुगतान को स्थगित करने की अनुमति देता है.
शक्तिकांता दास द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रमुख अंस
- कॉर्पोट्स से उधरदाताओं की समूह एक्सपोज़र सीमा को 25% से 30% तक बढ़ाया.
- आरबीआई ने निर्यात क्रेडिट अवधि को 1 वर्ष से बढ़ाकर 15 महीने कर दिया है.
- मोद्रिक नीति संचरण में सुधार जारी है- शक्तिकांता दास
- आरबीआई एक्साइम बैंक को दिए गए 15,000 करोड़ के लाइन क्रेडिट का विस्तार करेगा.
- लोन मोरातोईउम को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है.
- रेपो रेट में कटौती के बाद सरकार के 10 साल के बॉन्ड यील्ड मे 15 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट आई है.
- एमपीसी, जो ऑफ-साइकल से मिला है. रेपो रेट में कटौती के पक्ष में 5: 1 के अनुपात में मतदान किया है.
- 1 अप्रैल 2020-21 से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 9.2 बिलियन की वृद्धि हुई है. 15 मई तक यह वैल्यू 487 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गई है.
- बिजली, पेट्रोलियम जैसी निजी खपत में गिरावट आई है.
- कोरोना वायरस महामारी के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आई है. इससे सरकार के राजस्व पर गंभीर प्रभाव पड़ा है.
- इस वर्ष जीडीपी की वृद्धि नकारात्मक श्रेणी में आने की उम्मीद है.
- 2020 के पहले 6 महीने में इन्फ्लेशन बना रहेगा. लेकिन बाद मे आसानी होने की उम्मीद है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में पांच चरणों में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगी. जिसमें ऋण वितरण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी.